भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र धाम बद्रीनाथ, उत्तराखंड के गढ़वाल, छेत्र के हिमालय में स्थित है, और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिल्ली से बद्रीनाथ तक की यात्रा आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अनुभव प्रदान करती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको दिल्ली से बद्रीनाथ तक पहुंचने के सभी विकल्पों के बारे में जानकारी देगी।
दिल्ली से बद्रीनाथ: दूरी और समय
कुल दूरी: | लगभग 516-550 किलोमीटर (मार्ग के अनुसार) |
हवाई दूरी: | 324 किलोमीटर |
यात्रा का समय: | सड़क मार्ग से लगभग 14-16 घंटे |
यात्रा का सर्वोत्तम समय: | मई से जून और सितंबर से अक्टूबर |
बद्रीनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने की तारीखें 2025
- खुलने की तारीख: 4 मई 2025 (रविवार)
- बंद होने की तारीख: नवंबर 2025 के अंत में (विजयदशमी/दशहरा के दिन घोषित की जाएगी)
सड़क मार्ग से दिल्ली से बद्रीनाथ कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग से यात्रा करना बद्रीनाथ पहुंचने का सबसे लोकप्रिय तरीका है, जो आपको प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है।
स्वयं की गाड़ी या टैक्सी द्वारा
दिल्ली से बद्रीनाथ तक का मार्ग निम्नलिखित है:
- दिल्ली से हरिद्वार: NH-334 और NH-7 के माध्यम से - 220 किमी, लगभग 5-6 घंटे
- हरिद्वार से ऋषिकेश: 24 किमी, लगभग 1 घंटा
- ऋषिकेश से देवप्रयाग: 74 किमी, लगभग 2.5 घंटे
- देवप्रयाग से श्रीनगर: 34 किमी, लगभग 1 घंटा
- श्रीनगर से रुद्रप्रयाग: 33 किमी, लगभग 1 घंटा
- रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग: 31 किमी, लगभग 1 घंटा
- कर्णप्रयाग से नंदप्रयाग: 21 किमी, लगभग 1 घंटा
- नंदप्रयाग से चमोली: 10 किमी, लगभग 30 मिनट
- चमोली से जोशीमठ: 48 किमी, लगभग 2 घंटे
- जोशीमठ से बद्रीनाथ: 42 किमी, लगभग 2 घंटे
टैक्सी किराया:
- दिल्ली से बद्रीनाथ टैक्सी किराया: ₹6,000 से ₹16,000 तक (वाहन के प्रकार और मौसम के अनुसार)
बस द्वारा
दिल्ली से बद्रीनाथ तक सीधी बस सेवाएं सीमित हैं, लेकिन निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
सीधी बस:
- आईएसबीटी कश्मीरी गेट से रॉयल सफारी इंडिया ट्रेवल्स की बद्रीनाथ के लिए सीमित बसें चलती हैं
- प्रस्थान समय: शाम 8:00 बजे
- यात्रा का समय: लगभग 19 घंटे
- किराया: ₹665 से ₹856
दिल्ली से हरिद्वार/ऋषिकेश और आगे:
- पहले दिल्ली से हरिद्वार या ऋषिकेश तक बस लें (लगभग 6-8 घंटे)
- हरिद्वार/ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं (10-11 घंटे)
- उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम (USRTC) तथा निजी ऑपरेटर्स की बसें उपलब्ध
शेयर्ड टैक्सी/जीप:
- हरिद्वार/ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिए शेयर्ड टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं
ट्रेन द्वारा दिल्ली से बद्रीनाथ कैसे पहुंचें
बद्रीनाथ तक कोई सीधी रेल मार्ग नहीं है, लेकिन आप निम्नलिखित मार्ग से पहुंच सकते हैं:
दिल्ली से हरिद्वार/ऋषिकेश तक:
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हरिद्वार/ऋषिकेश तक ट्रेन लें (लगभग 4-6 घंटे)
- प्रमुख ट्रेनें: मुसोरी एक्सप्रेस, देहरादून शताब्दी, ऋषिकेश एक्सप्रेस
हरिद्वार/ऋषिकेश से बद्रीनाथ:
- हरिद्वार से बद्रीनाथ तक की दूरी: लगभग 310-325 किमी
- ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक की दूरी: लगभग 295 किमी
- टैक्सी या बस द्वारा आगे यात्रा (9-11 घंटे)
हवाई मार्ग से दिल्ली से बद्रीनाथ कैसे पहुंचें
दिल्ली से देहरादून:
- इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (DEL) से जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (देहरादून) तक उड़ान (लगभग 1 घंटा)
- प्रमुख एयरलाइंस: स्पाइसजेट, इंडिगो, एयर इंडिया, विस्तारा
देहरादून से बद्रीनाथ:
- देहरादून से बद्रीनाथ की दूरी: लगभग 314 किमी
- बस या टैक्सी द्वारा यात्रा (लगभग 10-12 घंटे)
हेलीकॉप्टर सेवा:
- देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से बद्रीनाथ तक हेलीकॉप्टर सेवाएं (लगभग 30 मिनट)
- किराया: ₹75,000 प्रति व्यक्ति (अनुमानित)
दिल्ली से बद्रीनाथ यात्रा का चरण-दर-चरण मार्गदर्शन
विकल्प 1: सड़क मार्ग से पूरी यात्रा
दिन 1: दिल्ली से हरिद्वार/ऋषिकेश |
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दिन 2: हरिद्वार से रुद्रप्रयाग/जोशीमठ |
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दिन 3: रुद्रप्रयाग/जोशीमठ से बद्रीनाथ |
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विकल्प 2: हवाई मार्ग + सड़क मार्ग
दिन 1: |
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दिन 2: |
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दिन 3: |
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विकल्प 3: हवाई मार्ग + हेलीकॉप्टर
दिन 1:
- दिल्ली से देहरादून की उड़ान लें
- देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से बद्रीनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा (30 मिनट)
- मंदिर में दर्शन करें
- बद्रीनाथ में रात्रि विश्राम या वापसी
बद्रीनाथ में घूमने के प्रमुख स्थान
- श्री बद्रीनाथ मंदिर: मुख्य मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित है
- तप्त कुंड: गर्म पानी का प्राकृतिक झरना, जहां स्नान करना शुभ माना जाता है
- नारद कुंड: मंदिर के पास स्थित एक पवित्र कुंड
- ब्रह्म कपाल: पितृ तर्पण करने का महत्वपूर्ण स्थान
- वासुधारा झरना: बद्रीनाथ से 5 किमी दूर स्थित सुंदर झरना
- मना गांव: भारत का अंतिम गांव, बद्रीनाथ से 3 किमी की दूरी पर
- चरण पादुका: भगवान विष्णु के पदचिन्हों के दर्शन का स्थान
- श्याम कर्ण: हिमालय की सुंदर घाटी में स्थित ट्रेकिंग स्थल
- नीलकंठ पर्वत: बद्रीनाथ से दिखाई देने वाला खूबसूरत हिमाच्छादित पर्वत
बद्रीनाथ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
उचित कपड़े ले जाएं: बद्रीनाथ में मौसम अप्रत्याशित हो सकता है, इसलिए गर्म कपड़े, रेनकोट और आरामदायक जूते अवश्य ले जाएं।
ऊंचाई से संबंधित सावधानियां: बद्रीनाथ की ऊंचाई 3,300 मीटर है, इसलिए अचानक ऊंचाई पर जाने से बचें। हरिद्वार/ऋषिकेश से धीरे-धीरे ऊपर की यात्रा करें।
दवाइयां: अपनी नियमित दवाइयों के साथ बुखार, सिरदर्द और मतली की दवाइयां भी रखें। ऊंचाई से संबंधित समस्याओं के लिए डायमोक्स (Acetazolamide) रखना उपयोगी हो सकता है।
समय सारिणी: मंदिर सुबह 4:15 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 9:00 बजे तक खुला रहता है। सुबह जल्दी जाने से भीड़ कम होती है।
आवास: यात्रा से पहले आवास की बुकिंग करें, विशेषकर यात्रा के मौसम में। बद्रीनाथ में GMVN गेस्ट हाउस, होटल देव लोक, होटल सच्चिदानंद और कई धार्मिक संस्थान प्रमुख विकल्प हैं।
भोजन और पानी: यात्रा के दौरान अपने साथ बॉटल वाटर, ड्राई फूड्स, और फल आदि रखें। बद्रीनाथ में प्रसिद्ध 'प्रसाद' (महा प्रसाद) और स्थानीय पकवान 'सिंघाड़ी' जरूर खाएं।
मोबाइल कनेक्टिविटी: बद्रीनाथ में BSNL और Jio नेटवर्क बेहतर काम करते हैं। अन्य नेटवर्क में समस्या हो सकती है।
पैसे व्यवस्था: बद्रीनाथ में ATM सीमित हैं, इसलिए पर्याप्त नकदी साथ रखें।
सुरक्षा: यात्रा के दौरान सड़क की स्थिति और मौसम की जानकारी रखें। बरसात के मौसम में भूस्खलन का खतरा रहता है।
स्थानीय परिवहन: बद्रीनाथ में स्थानीय जगहों पर जाने के लिए शेयर्ड टैक्सी और जीप उपलब्ध हैं।
बद्रीनाथ में आवास
बद्रीनाथ में विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं:
सरकारी आवास:
- गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) गेस्ट हाउस
- महत्वपूर्ण तिथियों के लिए अग्रिम बुकिंग आवश्यक
होटल और गेस्ट हाउस:
- होटल नारायण पैलेस
- होटल द्वारिकेश
- होटल सच्चिदानंद
- होटल शांति निवास
धार्मिक आवास:
- बद्रीनाथ मंदिर के पास आश्रम
- पुरोहित धर्मशालाएं
निष्कर्ष
दिल्ली से बद्रीनाथ की यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है बल्कि हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का भी एक अवसर है। सही योजना और तैयारी के साथ, आप इस यात्रा को सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।
मई से जून और सितंबर से अक्टूबर का समय बद्रीनाथ यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मौसम अनुकूल रहता है और मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता है। अपनी यात्रा से पहले मंदिर के खुलने और बंद होने की तारीखों की जांच अवश्य कर लें, क्योंकि बद्रीनाथ मंदिर सर्दियों के महीनों के दौरान बंद रहता है।
आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ, अपनी बद्रीनाथ यात्रा का पूरा आनंद लेने के लिए यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करना न भूलें। बद्रीनाथ धाम की यात्रा आपके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव होगी।
जय बदरी विशाल!